गिरडीह, मार्च 29 -- रेम्बा। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात डीजे पर रोक लगाने के लिए प्रशासन के अधिकारियों की सक्रियता काफी बढ़ गई है। न्यायालय के उक्त आदेश को धरातल पर सफल करने में प्रशासनिक अधिकारी कितना कारगर हो पाएंगे यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि अधिकांश लोगों का मानना है कि प्रशासन यदि दिल से चाह ले तो इस पर विराम लग सकता है। जिला,अनुमंडल, प्रखंड तथा थाना स्तर पर आयोजित शांति समितियां की बैठक में उच्च न्यायालय के न्यायादेश पर अधिकारी गंभीरता दिखा रहे हैं लेकिन यह धरातल पर लागू हो सकेगा या नहीं यह भविष्य के गर्भ में है। यहां यह बता दें कि माननीय उच्च न्यायालय झारखंड रांची के वाद संख्या पीआईएल नंबर 1997 ऑफ 2019 झारखंड सिविल सोसाइटी वर्सेस द स्टेट आफ झारखंड एंड अदर्स की कंटीन्यूअस 246 ऑफ 2019 विथ पीआईएल नंबर 2...