दरभंगा, फरवरी 24 -- दरभंगा। दरभंगा मेडिकल कॉलेज के शताब्दी वर्ष समारोह में आए पूर्ववर्ती छात्र अपने संस्थान की मिट्टी की खुशबू पाकर उत्साह से लबरेज हो गए। 1962 बैच के छात्रों का जोश तो परवान था। विभागाध्यक्षों के पद से रिटायर होने के बाद भी यहां पहुंचने पर वे किसी नए छात्र के जैसे उत्साह से लबरेज थे। शायराना अंदाज में उन्होंने कहा-महफिल में कोई बेगाना नहीं होता है, डीएमसीएच वो चमन है जिसे मुरझाना नहीं आता है। उनके जोश और अंदाज को देख अगल-बगल खड़े मेडिकल छात्र तालियां बजाने से अपने को रोक नहीं सके। रिम्स, रांची से सर्जरी विभाग के अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त डॉ. मधुकर एस घोष ने कहा कि यहां पहुंचते ही वे पुरानी यादों में खो गए। उनके जमाने में कॉलेज इतना भव्य नहीं था। अब पूरी सूरत बदल चुकी है। इसी दौरान कॉलेज परिसर के बगल में पूर्व में नीलम ह...