सोनभद्र, अगस्त 10 -- अनपरा,संवाददाता। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का निर्णय निरस्त करने को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों को पत्र भेज जारी निजीकरण प्रक्रिया से धांधली- नुकसान से अवगत कराया है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि निजीकरण की सारी प्रक्रिया अपारदर्शी है। निजीकरण हेतु तैयार किये दस्तावेज को सार्वजनिक करने की मांग की है। कहा है कि घाटे के नाम पर बेचें जा रहे विद्युत वितरण निगम घाटे में नहीं हैं। प्रबंधन सब्सिडी की धनराशि और सरकारी विभागों का बिजली का बकाया घाटे के मद में दिखा रहा है। वर्ष 2024 -25 में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम 2253 करोड़ रुपए के मुनाफे में है और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम 3011 करोड़ रुपए के मुनाफे में है। जबकि इन्हे महज 6500 करोड रुपए ...
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