आगरा, अक्टूबर 4 -- हाथों में डांडिया लिए और शृंगार किए अनारकली लहंगे में तो कोई राजस्थानी परंपरागत वेशभूषा तो कोई कलाइयों से कुहनियों तक चूड़ियां चूनर ओढ़े..। यह नजारा दिखा शनिवार शाम दयालबाग स्थित हरिओम सेवा सदन में जहां फेस ऑफ आगरा संस्था की ओर से डांडिया रास का आयोजन किया गया था। इस डांडिया नाइट में महिलाएं-युवतियां सहेलियों संग इस कदर झूमीं कि घंटों तक किसी को होश ही न रहा। हरी घास पर दूधिया रोशनी में इस डांडिया नाइट के आयोजन में शाम यादगार बन गई। कार्यक्रम संयोजक प्रिया बंसल ने बताया कि डांडिया की शुरूआत ढोल बाजे, नगाड़े संग ढोल बाजे, आधा है चंद्रमा रात आधी रीमिक्स, दीवाने तो दीवाने हैं, ढोली तारो ढोल बाजे.. आदि गीतों से हुई। जैसे-जैसे घड़ी की सुई आगे बढ़ती गई, डांडिया नाइट की धूम मचती गई। महिलाओं में डांडिया उत्सव का उत्साह देखते ही...