आजमगढ़, जनवरी 30 -- आजमगढ़, संवाददाता। कड़ाके की ठंड से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त रहा, वहीं कामकाज पर भी असर पड़ा है। खासतौर से मनरेगा में कार्य करने वाले श्रमिक इस ठंड में 15 प्रतिशत कम हो गए हैं। इससे गांवों में विकास कार्यों की रफ्तार धीमी पड़ गई हैं। कुछ गांवों में तो श्रमिक न आने के कारण कार्य बंद हैं। जिले के 1811 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत नाली निर्माण, खड़ंजा, आरसीसी, चकरोड, माइनरों की सफाई, पोखरे की खुदाई आदि कार्य कराया जाता हैं। शासन की योजना के अनुसार श्रमिकों को गांवों से हो रहे पलायन को रोकने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को गांवों में ही रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना लागू किया गया हैं। इसमें कार्य करने वाले मनरेगा श्रमिकों को प्रतिदिन 237 रुपये मजदूरी दी जा रही है। जिले में 2024-25 वित्तिय वर्ष में मनरेगा के तहत 48 हज...