लखनऊ, फरवरी 24 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता निजीकरण की प्रक्रिया के विरोध में सोमवार को भी बिजली कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच निजीकरण को लेकर विधान परिषद में ऊर्जा मंत्री के जवाब पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं। समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि ऊर्जा मंत्री को बताना चाहिए कि टोरेंट पावर की वजह से साल 2023-24 में हुए 275 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई कैसे होगी? बीते 15 साल में तो घाटे का आंकड़ा हजारों करोड़ रुपये का है। शैलेंद्र दुबे ने कहा कि ऊर्जा मंत्री के बयान से बिजली कर्मचारियों में आक्रोश है। ऊर्जा मंत्री को साफ करना चाहिए कि टोरेंट को बिजली किस दर में दी जा रही है? और कंपनी पावर कॉरपोरेशन को प्रति यूनिट कितना राजस्व दे रहा है? दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने वर्ष 2023-24 में 4.47 रुपये...