नई दिल्ली, जुलाई 16 -- आखिरकार टेस्ला के कदम भारत में पड़ ही गए। आलोचकों की नजर में यह मध्यवर्गीय परिवारों का उपहास है, क्योंकि इस वर्ग की आर्थिक हैसियत इतनी नहीं है कि वह टेस्ला की महंगी गाड़ियों के बारे में सोच भी सके, जबकि भारतीय बाजार इन्हीं लोगों के भरोसे आगे बढ़ रहा है। मगर ऐसे आलोचक शायद भूल जाते हैं कि किसी विदेशी कंपनी के आने से किस-किस तरह के लाभ मिलते हैं। निस्संदेह, एलन मस्क ने महंगी गाड़ी उतारी है, लेकिन इससे भारत को कई तरह से परोक्ष फायदा हो सकता है, खासतौर से ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों को इससे खूब फायदा मिल सकता है। मिसाल के तौर पर, टेस्ला के रियर व्यू मिरर, गियर्स, चार्जर, ब्रेक के पार्ट, सेंसर्स आदि तमाम उपकरण दूसरी कंपनियां बनाती हैं। ऐसे में, टेस्ला के आने से इन कंपनियों को फायदा मिल सकता है। इतना ही नहीं, इलेक्ट्र...
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