लखनऊ, सितम्बर 10 -- एससीएसटी एक्ट कानून का दुरुपयोग कर झूठी रिपोर्ट लिखाने वाले मैकूलाल को दोषी ठहराकर एससीएसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने छह माह के कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि मैकू लाल ने अपने विरोधियों को ऐसे अपराध के लिए आरोपित किया, जिसमे पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। लिहाजा किसी वादी को झूठे कथन नहीं कहने चाहिए क्योंकि वह सबसे महत्वपूर्ण गवाह होता है। कोर्ट ने आगे कहा कि यदि झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले को कठोर और समुचित सजा नहीं दी गई तो अनेक लोग दुष्प्रेरित होकर एससीएसटी एक्ट का दुरुपयोग करते रहेंगे। कोर्ट ने आगे कहा कि विधि शास्त्र का यह मूल सिद्धांत है कि भले ही सौ दोषी छूट जाए लेकिन किसी निर्दोष को सजा न हो। अगर किसी के द्वारा किसी अन्य के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया जाता है तो तो वह...