रांची, नवम्बर 16 -- रांची/नई दिल्ली, हिन्दुस्तान ब्यूरो दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला के झारखंड पवेलियन में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के स्टॉल पर लोग जानकारी के साथ-साथ प्राकृतिक शहद, रेशम के उत्पाद पसंद कर रहे हैं। वन क्षेत्र पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद के अनुसार झारखंड की भूमि पर 31.8 फीसदी वन पाए जाते हैं। हमारे वनों में सबसे ज्यादा अधिकता शाल वृक्ष की है। इसके अलावा गमहार, शीशम, सागवान आदि के पेड़ भी पाए जाते हैं, जिनकी लकड़ियों का उपयोग व्यावसायिक और घरेलू सामानों के लिए किया जाता है। सौन्दर्यीकरण के लिए हमारे पास गुलमोहर, जकरन्दा, प्लेटोफार्म, अमलतास जैसे पेड़ हैं। बांस की बहुलता भी ग्रामीणों और व्यवसायियों के लिए आमदनी का स्रोत है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग वनों के संरक्षण...