वाराणसी, अगस्त 2 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। राम ज्ञान के अखंड भंडार हैं। मानस ज्ञान के नेत्र को निर्मल कर वैराग्य उत्पन्न करता है। ये बातें प्रख्यात मानस मर्मज्ञ पं. श्रीशदत्त शुक्ल ने कहीं। वह शुक्रवार को तुलसीघाट पर तुलसी जयंती के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सारी सुख संपत्ति रामभक्ति में ही निहित है। कलिकाल में श्रीराम का नाम ही एकमात्र ऐसी संपत्ति है जिसका क्षय जीवन के बाद भी नहीं होगा। पं. रामचीज उपाध्याय ने कहा कि कलिकाल में श्रीराम नाम की अद्भुत महत्ता है। पं.राघवेंद्र पांडेय ने कहा आज हमारे सामने संस्कार का संकट है। श्रीराम चरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने इन संकटों का निराकरण किया है। संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र की अध्यक्षता में हुए इस सत्र में पं. रामकृष्ण त्रिपाठी, पं. आशुतोष तिवारी, ...