नई दिल्ली, जून 30 -- जेएनयू छात्र संघ द्वारा बार बार कुलपति के न मिलने को लेकर दिए जाने वाले बयान के बाद कुलपति ने सोमवार को इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जेएनयूएसयू आपकी संस्था है और यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप सभी को शामिल करें चाहे वे सहमत हों या नहीं। समावेशिता एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। आपके प्रस्ताव में सभी हितधारकों को शामिल करने की बात है, और प्रशासन की ओर से मैं हमेशा यही रुख अपनाती हूं। एक लोकतांत्रिक और विकेंद्रीकृत प्रशासन का का तरीका है। यदि आप बातचीत में तीन जेएनयूटीए शिक्षक सदस्यों को शामिल करना चाहते हैं तो आपको शिक्षक संगठन के दूसरे धड़े जेएनयूटीएफ को भी आमंत्रित करना होगा क्योंकि जेएनयू में दो शिक्षक संघ हैं। दोनों संगठनों से समान संख्या में सदस्य उपस्थित रहेंगे। हालांकि, अन्य हितधारक 2 जुलाई 2025 के बाद ही उपलब्ध हो...