मुजफ्फर नगर, जून 13 -- नगर में चार दिवसीय चल रहे मुनि महाराज आचार्य श्री 108 विमर्श सागर महाराज के कार्यक्रम में संघ सहित भक्तों को अपनी अमृत वाणी में समाज को जाागरूक कर रहे हैं। महाराज मुनि ने अपने प्रवचनों में कहा कि जीवन है पानी की बूंदे है जिसका पता नहीं कब मिट जाएं।" इक संकल्प जगायें हम, इस भव प्रभु को पायें हम। भव सागर से तिरने को, गीत प्रभु के गायें हम । नयनों में प्रभु का, हो-हो-२, ही रूप समाये रे,जीवन है पानी की बूंदै, कब मिट जाये रे। कहा किअपने बेटे की शिक्षा के लिए अच्छे से अच्छा स्कूल-कॉलेज ढूंढते हो l अपना पूरा जीवन जिस भगवान के चरणों में समर्पित करना चाहते हो उस भगवान की कोई पहचान नहीं, कोई परीक्षा नहीं। हमेशा ध्यान रखो, हर कोई भगवान नहीं हो सकता भगवान का भी एक रूप एक स्वरूप होता है। वह स्वरूप है जो राग, द्वेष, मोह, क्षुधा, ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.