मिर्जापुर, जून 8 -- कछवा,हिंदुस्तान संवाद । कछवा के बाड़ा पुर गांव में शनिवार की रात आयोजित वार्षिक संत समागम में मऊ के राधास्वामी मतावलंबी सद्गुरुदेव आश्रम से पधारे संत अनिल ने कहा कि मनुष्य जीवन उद्धार के लिए मिला है। जीवन में सर्वश्रेष्ठ कार्य परोपकार का होता है। हर मनुष्य को कुछ समय निकाल कर जीव सेवा में लगाना चाहिए। स्वयं के लिए तो पशु भी करता है, तो फिर पशु और मानव का अंतर जीवन में दिखना चाहिए। उदाहरण देते हुए बतायाकि बीज मिट्टी के अंदर अपने आप को समाप्त करता है। तब जाकर विशाल वट वृक्ष का रुप लेता है और फिर वही वट वृक्ष प्रत्येक जीव मात्र को सहारा देता है। उन्होंने कहा कि वृक्ष अपने फल भी नहीं खाते, लेकिन ईश्वर की कृपा से निरंतर वृद्धि की ओर अग्रसर रहता है। इसका तात्पर्य है कि हमको भी विचार करने की आवश्यकता है कि हम कौन हैं । हमारा ...