नई दिल्ली, अगस्त 23 -- बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने लावारिस कुत्तों की धरपकड़ से जुड़े मामले पर जो नया फैसला सुनाया, वह पशु-प्रेमियों व आवारा कुत्तों से आतंकित जन-समूह, दोनों की चिंताओं को संबोधित करता है। अदालत ने न तो इनके पकड़ने पर रोक लगाई और न ही बिना वैक्सीनेशन व नसबंदी के इनको छोड़ने का आदेश दिया। अब कोई सरेआम आवारा कुत्तों को भोजन नहीं दे सकेगा और प्रशासन को बड़ी संख्या में उनके लिए आश्रय बनाने होंगे। अदालत ने अपने इस फैसले का दायरा दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बढ़ाकर राष्ट्रीय कर दिया है। इस महीने की 26 तारीख को अंतरराष्ट्रीय श्वान दिवस है। इस दिन को कुत्तों और इंसानों के बीच भावनात्मक रिश्ते को और मजबूत करने के लिए समर्पित किया गया है। लेकिन भारत में इसका उल्टा हो रहा है। ऐसे में, यह सवाल और महत्वपूर्ण हो जाता है ...