कुशीनगर, मई 2 -- कुशीनगर। अगली जनगणना में केंद्र सरकार की तरफ से जातीय गणना कराने का निर्णय लिए जाने के बाद इसे लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। कुशीनगर जिले के भी वजूद में आने के बाद यहां भी पहली बार जाति आधारित जनगणना होगी। लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, निकाय या अन्य चुनाव, सभी में जातीय समीकरण खासे मायने रखते हैं। राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी जातियों के आधार पर ही अपने दांव लगाते रहे हैं। इसीलिए जनगणना के साथ-साथ जातीय गणना कराने की मांग काफी अरसे से चली आ रही है, जिसे अब केंद्र सरकार ने अमलीजामा पहनाने का निर्णय लिया है। यही वजह है कि केंद्र सरकार का यह फैसला आते ही राजनीतिक दलों में उत्साह छा गया गया है, फिर चाहे वे किसी भी दल के हों। कब शुरू हुई जनगणना- पहली अधिकारिक जनगणना: वर्ष 1872 में ब्रिटिश राज के समय शुरू हुई...