दिल्ली, जून 18 -- कई जगहों पर तेज सूखा और पानी की कमी फसलों, अर्थव्यवस्था और लोगों की जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है.ऐसे में पानी की कमी को कैसे हल किया जा सकता है?यह चिंता सिर्फ यूरोप तक ही सीमित नहीं है.जैसे-जैसे कोयला, तेल और गैस जलाने से दुनिया का तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे दुनिया के कई हिस्सों में सूखे की अवधि भी बढ़ती जा रही है.लेकिन हर सूखा एक जैसा नहीं होता ना ही हर सूखे का एक जैसा प्रभाव होता है.मौसम संबंधी और कृषि संबंधी सूखास्विट्जरलैंड की फेडरल इंस्टिट्यूट फॉर फॉरेस्ट, स्नो एंड लैंडस्केप रिसर्च (डब्लूएसएल) की इस साल जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 40 सालों में दुनिया भर में सूखे की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं.औसतन, हर साल 50,000 वर्ग किलोमीटर जमीन सूखे से प्रभावित हो रही है, जो कि स्लोवाकिया देश के लगभग बराबर ...