नई दिल्ली, अगस्त 18 -- यहां की एक विशेष एनआईए अदालत ने सोमवार को जाली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई। विशेष एनआईए जज चकोर बाविस्कर ने आरोपी राधाकृष्ण द्वारा दोष स्वीकार करने पर सजा सुनाई। हालांकि, चूंकि वह तीन साल से अधिक समय से जेल में है, इसलिए वह हिरासत में बिताई गई अवधि के लिए क्षतिपूर्ति का हकदार है। राधाकृष्ण पर आपराधिक षड्यंत्र, जाली मुद्रा की बिक्री या खरीद और सामान्य इरादे के लिए आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा था। वह इस मामले में दोषी ठहराए जाने वाले तीसरे आरोपी थे।

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