गंगापार, मई 3 -- देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साहस का परिचय देते हुए जातीय जनगणना कराए जाने का फैसला लेकर भारत की राजनीति में एक नया इतिहास लिखने का काम किया है। जातीय जनगणना से पिछड़े वर्ग के लोगों को अपनी संख्या की पहचान होगी, अनुपात के आधार पर संवैधानिक अधिकार मिलेगा। उक्त विचार क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा पिछड़ा मोर्चा काशी अश्वनी सिंह पटेल ने प्रेस वार्ता के दौरान नारीबारी में कही। उन्होंने कहा कि देश इस बात को जानता है कि अन्तिम जातीय जनगणना 1931 में हुई थी, 94 वर्ष के अन्तराल के बाद भाजपा सरकार ने जातीय जनगणना कराने का साहस दिखाया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी व अन्य विपक्षी दलों की सरकारों ने यह कार्य नहीं किया।

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