दिल्ली, अप्रैल 30 -- भारत सरकार ने एलान किया है कि अगली जनगणना में जातिवार आंकड़े भी जमा किए जाएंगे.100 साल बाद ऐसा होगा.इससे जाति आधारित भेदभाव पर कितना असर पड़ेगा?करीब 100 बाद आखिरकार भारत में जाति जनगणना होगी.यानी असल में पता चल पाएगा कि किस जाति के कितने लोग रहते हैं.विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत सरकार का अगली जनगणना में जाति को शामिल करना बड़ा बदलाव लाने वाला हो सकता है.जातिगत जनगणना का समर्थन कर रहे कई विशेषज्ञ रेखांकित कर रहे थे कि भारत में सामाजिक ताने-बाने से लेकर राजनीति और नौकरियों तक, जातिगत पहचान की भूमिका बेहद अहम है.ऐसे में जातिवार आबादी का आंकड़ा ना होना अपने आप में एक विडंबना है.विशेषज्ञों का यह भी तर्क है कि इस आंकड़े से कल्याणकारी योजनाओं की रूपरेखा अधिक सकारात्मक हो सकती है.जाति जनगणना करवाने का निर्णय केवल प्राशासनिक या...