सहरसा, मई 1 -- सहरसा, नगर संवाददाता । अक्षय तृतीया के मौके पर बुधवार को महिला एवं बाल विकास निगम और जिला प्रशासन ने बाल विवाह मुक्त अभियान के तहत विभिन्न धार्मिक स्थल व आंगनबाड़ी केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें बाल विवाह के दुष्परिणाम, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव और इसके कानूनी प्रावधान के बारे में जानकारी दी गई। मंदिर प्रबंधक द्वारा किए गए पंजीकरण रसीद की जांच की गई। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी कुमारी पुष्पा ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत किसी भी लड़की का विवाह 18 वर्ष से पहले और लड़के का विवाह 21 वर्ष से पहले करना कानूनन अपराध है। जिला परियोजना प्रबंधक महिला एवं बाल विकास निगम काजल चौरसिया ने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जिसे समाप्त करने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रय...