औरंगाबाद, मई 5 -- जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटना किसानों के लिए बड़ी चुनौती है। आए दिन मौसम का मिजाज बदल रहा है। बेमौसम बारिश हो रही है। जब बारिश की जरूरत होती है तब आसमान खुला रहता है। कभी सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है तो कभी बाढ़ का नजारा होता है। ऐसी स्थिति में किसान समझ नहीं पाते कि उन्हें क्या करना चाहिए, क्या नहीं। हाल के दिनों में मौसम का ऐसा ही रुख रहा है। अनियमित मौसम, सूखा, बाढ़ और तापमान की वृद्धि ने किसानों के सामने संकट खड़ा कर दिया है। इससे धान और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों का उत्पादन प्रभावित हुआ है। कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप चौबे ने बताया कि तापमान वृद्धि से फसलों का विकास चक्र बाधित हो रहा है, जिसके चलते गेहूं की उपज में कमी आई है। सूखे ने वर्षा आधारित खेती को अधिक प्रभावित किया है। भूजल स्तर में कमी और नदियों ...