रांची, जून 28 -- झारखंड सरकार ने जमीन के म्यूटेशन (नामांतरण) को पारदर्शी बनाने के लिए जियो टैगिंग आधारित नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अब राजस्व उपनिरीक्षक को जमीन का फिजिकल वैरिफिकेशन कर जीपीएस लोकेशन के साथ फोटो अपलोड करना (जियो टैगिंग) अनिवार्य कर दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे फर्जीवाड़े रुकेंगे और भूमि रिकॉर्ड अधिक सुरक्षित होंगे। लेकिन जमीनी हकीकत सरकार के दावों के उलट है। इससे कई तरह की नई समस्याएं पैदा हो गई हैं। राज्यभर से शिकायतें सामने आ रही हैं कि बिना समूचित तैयारी के नई व्यवस्था लागू कर दी गई। रांची में अधूरा ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया, जबकि अधिकांश जिलों में प्रशिक्षण की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो सकी है। नेटवर्क की समस्याएं, फोटो अपलोड में दिक्कत और तकनीकी संसाधनों की कमी से म्यूटेशन की फाइलें अटकी पड़ी हैं। ...
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