जमशेदपुर, नवम्बर 20 -- औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में फेफड़े से जुड़ी करीब 20 फीसदी समस्याओं वाले मरीज सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) के मरीज हैं। समय पर ध्यान देने पर इलाज कर सामान्य जीवन यापन किया जा सकता है। पिछले दस साल में सीओपीडी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच गई है। सांस की समस्या वाले मरीज इससे भी अधिक हैं। टीएमएच के फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. रूद्र प्रसाद सामंत के अनुसार, सीओपीडी का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है। इसके अलावा फैक्ट्री में काम करने वाले या सड़कों पर गाड़ियों के धुएं और धूल के संपर्क में रहने वाले लोग अधिक प्रभावित होते हैं। महिलाएं, जो कोयला, लकड़ी या गोबर के गोईंठा पर खाना बनाती हैं, भी धुएं के कारण इस बीमारी का शिकार होती हैं। सर्दियों में यह समस्या और बढ़ जाती है। भारत में और खासकर झारखं...
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