फतेहपुर, जून 27 -- जाफरगंज। यह तस्वीर किसी आपदा क्षेत्र की नहीं, दोआबा में यमुना कटरी की हकीकत बयां कर रही हैं। जहां एक घायल महिला को चारपाई पर लिटाकर कीचड़ भरी पगडंडी से गुजरते ग्रामीण अस्पताल ले जा रहे हैं। बरसात में जब सड़कें नदी बन जाती हैं और रास्ते दलदल। तब 'आजादी का अमृतकाल कंधों पर लदी यह चारपाई है, जो सरकारों की असफलता की बानगी दिखाता है। जाफरगंज कटरी क्षेत्र के कुकेड़ी, गजयीपुर, धौरहरा, कोरवल, रेवरी, बारा, ककोरा, मदुरी, खदरी समेत दर्जनों मजरे आज भी पक्की सड़कों को तरस रहे हैं। हर बार चुनावों में यहां ग्रामीणों से पक्की सड़कों के वादे किए जाते हैं। लेकिन जमीन पर सिर्फ कीचड़ नजर आता है। सोमवार को कंधई डेरा निवासी शिवबदन निषाद की पत्नी केतकी देवी पर आकाशीय बिजली गिर गई। बेहोश हालत में जब 108 एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी तो ग्रामीणों ने ...