नई दिल्ली, अगस्त 16 -- ऐसा क्यों होता है कि जब किसी इंसान को ज्यादा ताकत मिल जाए, तो वह दूसरे इंसानों के साथ हैवानियत शुरू कर देता है? वह खुद को इंसानों से बेहतर मानने लगता है और उसे लगता है कि वह मनमानी कर सकता है। कभी ठीक ऐसा ही अंग्रेज सोचते थे। हर महादेश में किसी न किसी देश या देशों पर उनका साम्राज्यवादी शिकंजा कसा हुआ था। ऐसा ही एक क्षेत्र था बर्मा, जिसे अंग्रेज भारत से अलग करने में जुटे थे। वहां अंग्रेजों ने दमन-चक्र चला रखा था। लगभग रोज ही अनेक स्थानीय लोगों को अंग्रेज मारते थे या फांसी चढ़ाते थे। उस दिन न जाने किस अपराध में एक भारतीय को फांसी दी जानी थी। एरिक ऑर्थर ब्लेयर नामक अंग्रेज पुलिस अधिकारी भी वहीं थे, उन्हें यह तक नहीं पता था कि अपराध क्या है, कथित अपराधी का नाम क्या है? उनके वरिष्ठ अधिकारी को भी शायद ही पता होगा, बस आदेश...
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