लखीसराय, मई 13 -- लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। मातृ-शिशु मृत्यु दर में आपेक्षित सुधार के लिए भले भी केंद्र के साथ राज्य सरकार अपने स्तर से स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से लगातार प्रयास कर रहा हो। मगर स्थानीय सदर अस्पताल के लेबर वार्ड एवं अधिकांश निजी नर्सिंग होम में तैनात स्वास्थ्य कर्मी जाने अनजाने प्रशिक्षण के अभाव या फिर अन्य कारण से अपनी लापरवाही व मनमानी के कारण सरकार के इस मिशन के राह में रुकावट डाल रही है। यूं कहे तो स्वास्थ्य कर्मी की लापरवाही के कारण जन्म लेते ही नवजात की सांस अटक रही है। उनकी सांस को नियमित करने के लिए सदर अस्पताल में संचालित एसएनसीयू वार्ड की भूमिका बढ़ रही है। नियमानुसार निजी नर्सिंग होम के खिलाफ स्वंतत्र रुप से जांच या कार्रवाई कर मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में असफल जिला स्वास्थ्य विभाग व विशेष रूप से सदर...