किशनगंज, जुलाई 14 -- किशनगंज, एक प्रतिनिधि। गर्भ में 9 महीने बिताने के बाद जब शिशु जन्म लेता है, तब नवजात शिशु मां से पोषण प्राप्त करने के लिए शारीरिक रूप से पूरी तरह तैयार होता है। इसलिए जन्म के तुरंत बाद शिशु को मां का पहला स्तनपान अत्यंत आवश्यक होता है। यह शिशु के लिए जहां पोषण का पहला स्रोत है, रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित कर रोगों से सुरक्षा की ढाल भी है। विशेषज्ञों और स्वास्थ्य विभाग की सिफारिश है कि सामान्य हो या सिजेरियन प्रसव, दोनों स्थितियों में शिशु को एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। पहले घंटे की अहमियत,जीवनभर की सेहत की नींव: शिशु के जन्म के बाद का पहला घंटा उसके संपूर्ण जीवन की सेहत की बुनियाद रखने वाला समय होता है। इस गोल्डन ऑवर में नवजात सबसे अधिक सचेत और सक्रीय होता है। इस समय यदि स्तनपान शु...