मुजफ्फर नगर, मई 28 -- खतौली। जैन संस्कृति एवं नैतिक संस्कार के चतुर्थ दिन श्री चन्द्रप्रभ दिगम्बर जैन मंदिर पीसनोपाडा में अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन खतौली व संयुक्त तत्वावधान उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान उत्तर प्रदेश सरकार के सान्निध्य में आयोजित शिविर में सभी बालकों व बालिकाओ को जिनेन्द्र भगवान की पूजन में चढ़ाए जाने वाली सामग्री का अलग अलग अर्थ समझाया गया। बाल कक्षा टीकम गढ़ मध्य प्रदेश के आशीष शास्त्री व इंदौर से पधारे सुमित शास्त्री, विदेह जैन ने ली । बच्चों को बताया गया कि हिंसा झूठ चोरी बुरी निगाह व परिग्रह पांच पाप है हमे अपने जीवन से इन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए । दौलतराम द्वारा रचित छहढाला ग्रंथ की छटवीं ढाल का आशय समझाया कि हम अपनी गलती से दुखी हैं। इच्छा आकुलता की जननी है। हमे इच्छा को दबाना नही उसे समाप्त करना च...