महाराजगंज, जुलाई 10 -- महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। साहित्य सभा के तत्वावधान में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन आधारशिला वृद्धाश्रम गनेशपुर में किया गया। अध्यक्षता करते हुए सभा के अध्यक्ष डॉ. परशुराम गुप्त ने समाज में बढ़ते एकाकीपन व परिवार संस्था के छीजते स्वरूप पर अपनी रचना जख्म खाकर ठठाकर हंसो तो बने, राह कांटो भरी हो तो बढ़ो तो बने...सुनाकर विपरीत परिस्थितियों में धैर्य रखने की सीख दी। मुख्य अतिथि कोलकाता विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त आचार्य डॉ. अमरनाथ शर्मा ने वृद्धाश्रम की बढ़ती उपयोगिता को रेखांकित करते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। प्रभु जी वे दिन बिसरत नाहीं, गगन मार्ग उनके हित सिरजे... सुना कर व्यंग्य के माध्यम से समाज की विडंबनाओं को आड़े हाथों लिया। अपर्णा त्रिपाठी मासूम ने सरस्वती वंदना से गोष्ठी की शुरुआत की। वृद्धाश्रम के प्रबंधक प...