नई दिल्ली, अप्रैल 28 -- नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। राजधानी के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों में दिव्यांगता की पहचान की जाएगी। यह स्क्रीनिंग दो चरण में की जाएगी। इसमें कक्षा शिक्षक द्वारा शुरुआती जांच होगी। इसके बाद विशेष शिक्षक या काउंसलर द्वारा गहनता से जांच की जाएगी। इसमें दृष्टि बाधित होना, सुनने या बोलने में परेशानी, चलने-फिरने में दिक्कत, बौद्धिक अक्षमता, ऑटिज्म सहित 21 प्रकार की दिव्यांगताओं के लिए वार्षिक स्क्रीनिंग अभियान चलेगा। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने परिपत्र जारी किया है। इसके तहत सभी स्कूल प्रमुखों को इस कार्य को करने के लिए कहा है। इसमें स्कूलों में पढ़ने वाले सभी दिव्यांग छात्रों को चिह्नित किया जाएगा। साथ ही, उनको सभी जरूरी मदद और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस जांच के लिए एक प्रशस्त मोबाइल ऐप का इस्ते...
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