काशीपुर, जून 27 -- जसपुर संवाददाता। गम का त्योहार मोहर्रम छह जुलाई को मनाया जाएगा। शुक्रवार को नमाजे जुमा में भी उलेमाओं ने मोहर्रम के बारे में बताया। मोहर्रम की नवीं और दसवीं को मुस्लिम रोजा रखकर इबादत करते हैं। हजरत इमाम हुसैन की शहादत पर नियाज करते हैं। वहीं, मोहर्रम की पहली तारीख से ही मुस्लिमों के नए साल का भी आगाज होता है। शहर इमाम मौलाना अयूब ने बताया कि चांद दिख गया है। चांद की दसवीं तारीख छह जुलाई को मोहर्रम का पर्व मनाया जाएगा। बताया कि मस्जिदों में नमाजे जुमा में हजरत इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र किया गया है। यह सिलसिला मोहर्रम तक मस्जिदों में लगातार चलेगा। मोहर्रम के महीने को अल्लाह का महीना भी कहा जाता है। उन्होंने मुस्लिमों से मोहर्रम पर्व पर ढोल ताशे न बजाने की अपील की है।

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