फर्रुखाबाद कन्नौज, मई 7 -- फर्रुखाबाद, संवाददाता। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने यहां पहुंचकर छपाई इकाइयों का निरीक्षण किया। कारखाना मालिकों के साथ बैठक की और चेतावनी दी गई कि हर हाल में सभी को अलग अलग ईटीपी बनानी होंगी । जिले में एक सैकड़ा के आसपास छपाई इकाइयां संचालित होती है। लेकिन इन इकाइयों से निकलने वाले रंगीन केमिकल युक्त सैकड़ों एमएलडी पानी को शोधन किए बिना ही गंगा नदी में गिरता है। हां यह बात और है कि गंगा नदी िकनारे करोड़ों की लागत से एसटीपी प्लांट संचालित है। लेकिन एसटीपी केमिकल युक्त रंगीन पानी का शोधन करने में सक्षम नहीं है। यही कारण है कि गंगा में छपाई कारखानों का रंगीन केमिकल युक्त पानी गंगा में जाने से गंगा नदी का पानी मैला हो रहा है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता फ़रेस कुमार, जेई दीपक कु...