चतरा, अक्टूबर 23 -- इटखोरी, प्रतिनिधि। भगवान सूर्य व छठ मईया की आराधना का महापर्व छठ के आगमन के साथ ही पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया है। छठ महापर्व को लेकर श्रद्धालुओं में उल्लास छा गया है। घर-घर में बज रहे भक्ति गीत से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। छठ पर्व का समय जैसे-जैसे नजदीक आते ही पारंपरिक छठ गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। फिल्मी गीतों के तर्ज पर तैयार पारंपरिक व नए गीतों ने छठ महापर्व को और भी लोकप्रिय बना दिया है। भोजपुरी, च्हदी व नागपुरी गीतों की कर्णप्रिय गूंज ने लोगों को छठ के रंग में पूरी तरह से रंग दिया है। 'उग हे सुरुज देव. भइले अरगिया के बेर'.,'हे छठि मइया, दर्शन देहो न अपार.''मारबऊ रे सुगवा धनुष से. सुगवा गिरे मुरझाए.''कांच के बांस के बहंगिया, बहंगिया लचकत जाए'.,'ले ले अईहा हो भईया बांध के मोटरिया'जैसे लोकप्रिय प...