रामपुर, अक्टूबर 31 -- रामपुर। पुलिस ने विवेचना में ही खेल नहीं किया बल्कि, इस वारदात की पूर्व सूचना को भी हल्के में लिया था। दरअसल, मीडिया ने पहले ही आगाह कर दिया था कि 31 दिसंबर को सीआरपीएफ पर आतंकी हमला हो सकता है...., इसके बावजूद सिस्टम सोता रहा और जब तक आंखें खुलीं, बहुत देर हो चुकी थी। हमारे सात जवान शहीद हो चुके थे। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला 31 दिसंबर 2007 को हुआ था जबकि, मीडिया ने एक दिसंबर को ही खबर ब्रेक कर दी थी। इसके बाद 12 दिसंबर और फिर 30 दिसंबर को खबरें प्रकाशित की गई थीं। अंतिम खबर में तो यहां तक लिख दिया गया था कि आज हो सकता है फिदायिन हमला...। मीडिया में आयी खबरों पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डा. संजीव गुप्ता ने नाराजगी भी जाहिर की थी। कहा था-इस तरह की अफवाहों से बचना चाहिए। उस वक्त के सीआरपीएफ अफसरों ने भी इन खबरों को हल...