घाटशिला, फरवरी 18 -- चाकुलिया। चाकुलिया वन क्षेत्र के जंगलों में औषधीय गुणों से भरपूर चिरौंजी (पियाल, चार) के पेड़ फूलों से लदने लगे हैं। विदित हो कि चिरौंजी एक प्रमुख कीमती वनोत्पाद है। यह ग्रामीणों के रोजगार का एक प्रमुख साधन है। चिरौंजी के बीज को ग्रामीण स्थानीय व्यापारियों को 200 से लेकर 350 रुपये प्रति किलो की दर से बेचते हैं। इसी चिरौंजी के बीज की दाल बड़े-बड़े शहरों में 500 से 800 रुपये प्रति किलो की दर से बिकती है। चिरौंजी में कई औषधीय गुण भी होते हैं। इसमें विटामिन सी, विटामिन बी और प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। इसका प्रयोग खीर और मिठाई बनाने में होता है। पेट के लिए चिरौंजी का बीज काफी फायदेमंद माना जाता है। चाकुलिया वन क्षेत्र के जंगलों में भी अभी भी चिरौंजी के काफी वृक्ष हैं। परंतु चिरौंजी के पेड़ों की संख्या पहले की तुलना में...