मुजफ्फर नगर, जून 13 -- चरित्रवान व्यक्ति सब जगह सम्मान पाता है, जबकि राजा केवल अपने देश में। उक्त विचार भारतीय योग संस्थान के योग साधना केंद्र ग्रीन लैण्ड माडर्न स्कूल में संचालित किशोर बालक एवं बालिका चरित्र निर्माण योग शिविर में व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि उत्तम चरित्र ही व्यक्ति की सबसे बड़ी पूंजी है। उत्तम चरित्र के अंतर्गत जो व्यक्ति यम, नियम का पालन नहीं करते उनका योग कभी सफल नहीं होता। शरीर की सुंदरता सद्गुणों से है। सद्गुणी व्यक्ति अपने अचार विचार और सदव्यवहार से सबको अपना बना लेता है। इस अवसर पर योगाचार्य सुरेंद्रपाल सिंह आर्य ने व अंकुर मान ने विभिन्न आसन, प्राणायाम और ध्यान करवाया।

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