कौशाम्बी, जुलाई 8 -- भरवारी, हिन्दुस्तान संवाद। अयोध्या से चित्रकूट के लिए बन रहे राम वन गमन मार्ग पर ही कौशाम्बी जिले में एक स्थान चरवा है। स्थानीय किवदंती है कि यहां भगवान राम का खड़ाऊं चोरी हो गया था। इसलिए इस जगह का नाम चोरवा पड़ा गया। अपभ्रंश होकर अब यह नाम चरवा हो गया। भगवान राम 14 वर्ष के वनवास काल के दौरान श्रृंग्वेरपुर से गंगा पार कर चरवा पहुंचे थे। मान्यता है कि वह भाई लक्ष्मण और जानकी जी के साथ चरवा में रात्रि विश्राम किया था। गांव की किवदंतियों के मुताबिक यहीं उनकी खड़ाऊ चोरी हो गई थी। इसी कारण इस स्थान का नाम पहले चोरवा और बाद में चरवा हो गया था। यहां पर आज भी भगवान राम के ठहरने के निशान मौजूद हैं। राम जूठा तालाब भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि भगवान राम ने इसका जल पिया था तभी से रामजूठा नाम पड़ा।

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