चमोली, फरवरी 24 -- नदियों, गदेरों, ग्लेशियरों और नौलों, धाराओं वाले चमोली जिले में जल समृद्धि के क्षेत्र में रचनात्मक कवायद शुरू हो गई है। यदि सब कुछ सही रही रहा और विभागों ने धरातल पर कार्य किया तो चमोली जिला उत्तराखंड में जल समृद्धि का बड़ा क्षेत्र बन सकेगा। डीएम डॉ. संदीप तिवारी ने स्प्रिंग एवं रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) की बैठक में नदियों, गदेरों, नौले और धाराओं की स्थिति का फीड बैक लिया है। चमोली जिले में प्राकृतिक जल स्रोत नौले-धारे और नदियों के जल संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा करते हुए विलुप्ति की कगार पर आई नदियों को पुर्नजीवित करने और सूखने की स्थिति में आए गदेरों और नौले, धारों के पुर्नउद्धार की समीक्षा डीएम स्वयं कर रहे हैं। नदियों के जल संरक्षण की महत्वपूर्ण बैठक में समिति की ओर से महत्वपूर्ण...