नई दिल्ली, जुलाई 4 -- उमस और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बारिश के मौसम में खानपान के कारण होने वाली बीमारियों के मामले बढ़ जाते हैं। बरसात का मौसम वायरस, बैक्टीरिया, फंगस और दूसरे रोगाणुओं के पनपने के लिए एक आदर्श वातावरण माना जाता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अनुसार, मानसून में ई. कोलाई, साल्मोनेला और अन्य दूषित पदार्थों से होने वाली फूड पॉइजनिंग बहुत आम है। दूषित भोजन फूड पॉइजनिंग, डायरिया, पेचिश और हैजा के मामलों का प्रमुख कारण है, इसलिए इस मौसम में खानपान के मामले में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।क्या है फूड पॉइजनिंग जब हमारे द्वारा खाया खाना हमें पोषण और ऊर्जा देने के बजाय बीमार बना दे, तो इसे फूड पॉइजनिंग कहते हैं। फूड पॉइजनिंग तब होती है, जब हम ऐसे भोजन का सेवन करते हैं- जो बैक्टीरि...