रांची, जुलाई 3 -- रातू, प्रतिनिधि। दानिश घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था। पुत्र की मौत की खबर सुनकर मां रजिया खातून बार-बार बेहोश हो रही थी। वहीं बहन मुस्कान और छोटे भाई इश्तियाक अंसारी की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। मछली बेचकर मदद करनेवाले दादा जहूर अंसारी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। उन्होंने कुछ वर्ष पहले बेटे को खोया था अब पोता भी नहीं रहा। देर रात सात बजे दानिश को गांव के कब्रिस्तान में मिट्टी गई।

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