लखनऊ, जनवरी 29 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता क्रांतिकारी कवि गोरख पांडे के 36 वें स्मृति दिवस पर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) की ओर से बुधवार को संगोष्ठी हुई। लखनऊ विश्वविद्यालय के शिवाजी लान में हुई संगोष्ठी में गोरख पांडे की कविताएं तथा आज का भारत विषय पर वक्ताओं ने अपनी बात रखी। मुख्य वक्ता जन संस्कृति मंच के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कवि कौशल किशोर ने कहा कि गोरख पांडेय फूल और उम्मीद के कवि हैं। यह दक्षिणपंथी उभार का दौर है। संस्कृति पर हमले बढ़े हैं। ऐसे विपरीत समय में वे हमारे स्वप्न को जिलाए रखते हैं और संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी कविता में वह कहते हैं कि हमारी यादों में छटपटाते हैं, कारीगर की कटे हाथ, सच पर कटी जुबानें चीखती हैं, हमारी यादों में तड़पता है, दीवारों में चिना हुआ प्यार, यहीं पर एक बूढ़ा म...