गोंडा, मार्च 8 -- मनकापुर । जलाशयों का इस जनपद में अधिक क्षेत्रफल है। यहां के लोग मतस्य पालन करके रोजगार स्थापित कर सकते हैं। यह बातें कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित पांच दिवसीय मतस्य पालन प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए बैज्ञानिक एसके वर्मा ने कही। प्रशिक्षण समन्वयक डाक्टर ज्ञानदीप गुप्ता ने बताया कि बायोफ्लास्क तकनीक मतस्य पालन की एक नवीन विधि है, जो पारम्परिक तरीकों की तुलना में कम जल उपयोग करके अधिक उत्पादन देती है। डाक्टर राम लखन सिंह जो कि वरिष्ठ शस्य बैज्ञानिक है इन्होंने बताया कि बायोफ्लास्क तकनीक में जैविक फीड का निर्माण एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो समुचित जलप्रबंधन और बैक्टीरिया संतुलन बनाये रखने में मछली की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढाने में सहायक है। डाक्टर डीके पान्डेय सहित अन्य वैज्ञानिकों ने अपने...