गुमला, नवम्बर 4 -- गुमला प्रतिनिधि खेलनगरी के नाम से प्रसिद्ध गुमला जिले में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यहां फुटबॉल, हॉकी, एथलेटिक्स और बैडमिंटन जैसे खेलों में ग्रामीण इलाकों के बच्चे बेहतरीन प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन राज्य की खेल नीति की कमजोरियां , जमीनी स्तर पर ठोस पहल और बढिया खेल मैदान के अभाव के कारण जिले की प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए आठ से 10 वर्ष की आयु से प्रशिक्षण जरूरी माना जाता है। जिले में वर्तमान में फुटबॉल, हॉकी, एथलेटिक्स और बैडमिंटन के करीब आधा दर्जन आवासीय प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं। इसके अलावा जिला मुख्यालय और प्रखंडों में 11 डे-बोर्डिंग केंद्रों के माध्यम से बच्चों को नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।जिला खेल पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने ...