संभल, दिसम्बर 27 -- सीता रोड के बगिया वाली देवी में चल रही भागवत कथा में पांचवें दिन गिरिराज जी की पूजा कर छप्पन भोग लगाया। साथ ही कृष्ण जी की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। नरवर से आए आचार्य गौरव शर्मा व जय शिव मिश्रा ने वैदिक मंत्रों के साथ पूजा अर्चन की। इसके पश्चात कथा व्यास आचार्य ऋतुपर्ण कृष्ण ने कहा कि जीव और ब्रह्म दोनों में अंतर है। अंतर को बताते हुए कहा कि जो बार-बार पड़े और छोड़े वह तो है जीव और जो एक बार पड़े कभी ना छोड़े वह ब्रह्म। इसलिए परमात्मा से एक संबंध स्थापित करना चाहिए, चाहे वह पुत्र के रूप में चाहे मित्र करूं और एक बार अगर ठाकुर जी को पकड़ लिया जाए तो उन को छोड़ना नहीं चाहिए । भगवान की बाल लीला के साथ माखन चोरी पूतना वध आदि लीलाओं को श्रवण करते हुए गिर्राज भगवान के पूजन की कथा को सुनाया। गिरिराज भगवान की झांकी का पूजन...
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