दरभंगा, जुलाई 29 -- गीतकार चंदन राय ने अपने प्रेम गीतों से समां बांध दिया। कभी गीत गांव को छोड़कर शहर जाना पड़ा, मन लगा तो नहीं पर लगाना पड़ा। याद आए पिताजी के कांधे बहुत, अपना जिम्मा हमें जब उठाना पड़ा...गीत से रोजी रोटी की तलाश में घर छोड़कर बाहर जाने की पीड़ा को सामने रखा तो कभी गीत के माध्यम से विश्वास और आपसी समझ को लोगों को समझाया।

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