सोनभद्र, मई 29 -- अनपरा,संवाददाता। निजीकरण का विरोध कर रही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, का आरोप है कि विद्युत वितरण निगमों में घाटे के भ्रामक आंकड़ों को देकर पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय लिया है। बिजली कर्मी विगत 06 माह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं किंतु सरकार ने एक बार भी उनसे वार्ता नहीं की। आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में गलत पावर परचेज एग्रीमेंट के चलते विद्युत वितरण निगमों को निजी बिजली उत्पादन कंपनियों को बिना एक भी यूनिट बिजली खरीदे 6761 करोड रुपए का सालाना भुगतान करना पड़ रहा है । इसके अतिरिक्त निजी घरानों से बहुत महंगी दरों पर बिजली खरीदने के कारण लगभग 10000 करोड रुपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त भार आ रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागो पर 14400 करोड रुपए का बिजली राजस्व का बकाया है। किसान...
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