नई दिल्ली, दिसम्बर 19 -- सुप्रिया श्रीनेत, अध्यक्ष, सोशल मीडिया, कांग्रेस 'हर हाथ को काम दो, काम का पूरा दाम दो'- इस क्रांतिकारी नारे के साथ, 23 अगस्त 2005 के दिन भारत की संसद ने सर्वसम्मति से दुनिया की सबसे बड़ी काम की गारंटी देने वाली स्कीम 'मनरेगा' का कानून पारित किया था। पहली बार केंद्र सरकार ने परिवार के एक इच्छुक सदस्य को 100 दिन का रोजगार देने की कानूनी गारंटी दी। इसके अद्भुत परिणाम सामने आए। मनेरगा मात्र मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजना नहीं थी, बल्कि इसने ग्रामीण भारत को तस्वीर बदल दी। मनरेगा से घरेलू आय में लगभग 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई और गरीबी में लगभग 26 प्रतिशत की कमी आई। इस योजना ने मजदूर के हाथ में क्रय शक्ति देने का काम किया और गैर-कृषि रोजगार का सृजन किया। कमाल की बात रही कि मनरेगा में आधे से ज्यादा काम महिलाओं को मिले। य...