नई दिल्ली, अगस्त 27 -- हर साल, जब मानसून के बादल छंटते हैं और हवा नई उम्मीद से भर जाती है, तो लाखों लोग गणेश चतुर्थी मनाने की तैयारी करते हैं। यह भारत के सबसे प्रिय त्योहारों में से एक है, जो बुद्धि, विद्या के देवता और बाधाओं को दूर करने वाले गणपति के सम्मान में मनाया जाता है। फिर भी, इस त्योहार की रस्मों और मीठे पकवानों के पीछे एक ऐसी कहानी छिपी है जो पौराणिक कथाओं से परे है और बुद्धिमत्ता, रूपांतरण और सृजन की शक्ति का गहरा प्रतीक है। यह कहानी महान तपस्वी और योगी शिव से शुरू होती है, जो अपनी पत्नी पार्वती को छोड़कर लंबे समय के लिए चले जाते थे। अकेलेपन और ममता की लालसा से प्रेरित होकर, पार्वती ने एक असाधारण कदम उठाया। उन्होंने अपने शरीर से चंदन के लेप को इकट्ठा किया, जिसमें उनकी त्वचा के अंश भी थे, और उसमें मिट्टी मिलाकर एक बच्चे का आकार ...