नई दिल्ली, अगस्त 26 -- भगवान गणेश की प्रतिमा देखकर मन में यह प्रश्न उठता है कि एक चेतना और सर्वोच्च सत्ता को हाथी के रूप में ही क्यों दर्शाया गया है? वास्तव में, हाथी में कुछ अद्भुत गुण होते हैं, जैसे निर्भयता तथा उसकी राजसी चाल। वह अपने मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को रौंदते हुए आगे बढ़ता जाता है। हाथी अधिकार, धैर्य, शक्ति और साहस का भी प्रतीक है। दैवीय गुणों के प्रतीक के रूप में भगवान गणेश को एक हाथी के रूप में चित्रित किया गया है और जब हम भगवान गणेश की पूजा करते हैं, तो इन सभी गुणों को अपनी चेतना में आत्मसात करने में सक्षम होते हैं। उनकी लंबी सूंड दर्शाती है कि सच्चा ब्रह्मज्ञान वह है, जिसमें ज्ञान व कर्म, दोनों रूपों का क्रियान्वयन हो, दोनों में समरसता हो। जब हम भगवान गणेश की आराधना करते हैं, तो हमारे भीतर भी हाथी जैसे गुण जागृत होने...