नई दिल्ली, नवम्बर 26 -- सलीमा टेटे, कप्तान, भारतीय हॉकी टीम क्रिकेट से लेकर एथलेटिक्स तक में भारत की बेटियों ने पिछले कुछ दिनों में अपने देश के लिए जो गौरव अर्जित किया है, वह सचमुच सराहनीय है। आईसीसी महिला वर्ल्ड कप में जीत के बाद अब भारतीय लड़कियों ने पहले 'ब्लाइंड वुमेन्स ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप' को भी अपने नाम कर लिया है। ठीक इसी समय निकहत जरीन ने विश्व मुक्केबाजी कप प्रतिस्पर्द्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा, तो अब महिला कबड्डी विश्व कप पर भी भारत का कब्जा हो गया है। ये पदक और कप बताते हैं कि लड़कियों के लिए खेलों में सुनहरे दौर की शुरुआत हो चुकी है। मगर इस मुकाम तक उनका पहुंचना क्या आसान था? कतई नहीं! इसे आप मेरी कहानी के जरिये समझिए। घर से मांड़-भात खाकर मैं सिमडेगा (झारखंड) की पथरीली पगडंडियों पर इधर-उधर भटकती रहती थी। मुझे कहां पत...